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Saturday 27 February 2021

NATIONAL SCIENCE DAY 2021




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28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है 

विज्ञान की मदद से इंसानों ने कई तरह की खोज कर, अपने जीवन को ओर बेहतर बना लिया है. विज्ञान के जरिए ही आज हम लोगों ने नई तरह की तकनीकों का आविष्कार किया है. वहीं हर रोज ना जाने हम विज्ञान की मदद से बनाई गई कितनी तकनीकों और चीजों का इस्तेमाल करते हैं. इतना हीं नहीं इसके जरिए ही हम लोग नामुकिन चीजों को मुमकिन बनाने में कामयाबी भी रहे हैं. विज्ञान की मदद से ही हम अंतरिक्ष में पहुंचने से लेकर रोबोट, कंप्यूटर जैसी चीजे बनाने में सफल हो पाए हैं. ऐसे में विज्ञान हमारे जीवन में काफी महत्वरखता है और हर स्कूल में इस विषय को बच्चों को पढ़ाया जाता है. वहीं भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है. भारत की धरती पर कई महान वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है और इन महान वैज्ञानिकों की बदलौत ही भारत ने विश्व भर में विज्ञान के क्षेत्र में अपना एक अलग ही औदा बनाया हुआ है.  


भारत में विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है 
28 फरवरी
आज से कई वर्ष पूर्व 28 फरवरी के दिन भारतीय वैज्ञानिक डॉक्टर रमन सिंह के द्वारा रमन प्रभाव की खोज की गई थी, इस दिन को एक यादगार बनाने के लिए 28 फरवरी को हर वर्ष विज्ञान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई, और तब से लेकर अब तक 28 फरवरी को हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाते आ रहे है. 

 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है 

28 फरवरी 1928 का दिन भारतीय इतिहास में एक महान दिन था, क्योंकि इसी दिन राष्ट्रीय वैज्ञानी डॉक्टर चंद्रशेखर रमन द्वारा एक विशेष आविष्कार किया गया था. वे एक तमिल ब्राह्मण थे और ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होने भारत में कोई शोध कार्य किया था. इन्होने सन 1907 से लेकर 1933 तक इंडियन एसोसिएशन ऑफ द कल्टीवेशन ऑफ साइन्स, कोलकाता पश्चिम बंगाल में काम किया. इस समय में इन्होने कई विषयों पर शोध कार्य किया.  जिसमें इनकी रमन प्रभाव नामक खोज एक विशेष खोज बन गई.  उनके इस प्रयास के लिए उन्हे विभिन्न पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया और साल 1930 में उन्हे नोबल पुरुस्कार भी दिया गया. उनके इस प्रयास को भविष्य में हमेशा याद रखने के लिए वर्ष 1986 में नेशनल काउंसिल फॉर साइन्स एंड टेक्नालजी कम्युनिकेशन द्वारा 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित करने के लिए कहां गया था. तब से भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में 28 फरवरी को बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन को भारत के वैज्ञानिक, शैक्षणिक, चिकित्सा, तकनीकी और अनुसंधान संस्थानों सहित सभी स्कूलों, कॉलेजों, और शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिको और शोधकर्ताओ द्वारा मनाया जाता है. 


राष्ट्रीय विज्ञान दिवसके उद्देश्य 

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच में विज्ञान के प्रति ओर जागरूकता पैदा करना है. इतना ही नहीं इस दिवस के जरिए बच्चों को विज्ञान को बतौर अपने करियर को चुनने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है. ताकि हमारे देश की आनेवाली पीढ़ी विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान दे सके और हमारे देश की ओर तरक्की हो सके. 

इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस घोषित करने का एक मुख्य मकसद रमन प्रभाव और डॉक्टर चंद्रशेखर रमन को सम्मान देना तो था, ही इसके अलावा भी इसके कई अन्य उद्देश्य थे जो इस प्रकार है.


* हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों कि महत्ता बताना भी इस दिन को मनाने का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है |
*मानव कल्याण और प्रगति के लिए वैज्ञानिक क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना भी इस दिन को मनाने के उद्देश्यों में शामिल है. |
*विज्ञान और वैज्ञानिक विकास के लिए इसी दिन सभी मुद्दो पर चर्चा की जाती है और इसी दिन नई तकनिको को लागू भी किया जाता है. |

*देश में कई ऐसे लोग है, जो वैज्ञानिक सोच रखते है, इन लोगो को मौका देना और इन्हे अपने काम के लिए प्रोत्साहित करना भी इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य है. |

 राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की घोषणा कब की गई

 इस साल भी हम 28 फरवरी के दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाएंगे.  चुकी इस दिवस की घोषणा साल 1986 में हुई थी और इसे पहली बार साल 1987 में मनाया गया था, इसलिए इस साल यह 31 स्वा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस होगा, जिसे हम गर्व से मनाएंगे. इस साल इस दिन की थीम “विज्ञान लोगों के लिए और लोग विज्ञान के लिए” (Science for People and People for Science) होगी. 


 किस तरह से मनाया जाता है ये दिवस(National Science Day Activities) 


भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा इस दिन को विशेष बनाने के लिए कई तरह की तैयारियां की जाती हैं. वहीं भारत के स्कूलों और कॉलेजों में इस दिन पर कई तरह के कार्यक्रमों, बच्चों द्वारा विज्ञान प्रोजेक्ट, प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है और इन कार्यक्रमों में बच्चे बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. इतना ही नहीं बच्चों को विज्ञान विषय को लेकर जानकारी दी जाती है, ताकि बच्चे इस विषय में अपना करियर बना सकें. वहीं रेडियो और टीवी पर इस दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इन कार्यक्रमों में विज्ञान को लेकर चर्चा की जाती है. इसके अलावा विज्ञान से जुड़े कॉलेजों में वैज्ञानिकों को भी बुलाया जाता है, ताकि वो कॉलेज के छात्रों के साथ अपना अनुभाव साझा कर सकें|

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का थीम (विषय)

  • वर्ष 1999 का विषय था “हमारी बदलती धरती”।
  • वर्ष 2000 का विषय था “मूल विज्ञान में रुचि उत्पन्न करना”।
  • वर्ष 2001 का विषय था “विज्ञान शिक्षा के लिये सूचना तकनीक”।
  • वर्ष 2002 का विषय था “पश्चिम से धन”।
  • वर्ष 2003 का विषय था “जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 वर्ष का आईवीएफ”।
  • वर्ष 2004 का विषय था “समुदाय में वैज्ञानिक जागरुकता को बढ़ावा देना”।
  • वर्ष 2005 का विषय था “भौतिकी को मनाना”।
  • वर्ष 2006 का विषय था “हमारे भविष्य के लिये प्रकृति की परवरिश करें”।
  • वर्ष 2007 का विषय था “प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसल”।
  • वर्ष 2008 का विषय था “पृथ्वी ग्रह को समझना”।
  • वर्ष 2009 का विषय था “विज्ञान की सीमा को बढ़ाना”।
  • वर्ष 2010 का विषय था “दीर्घकालिक विकास के लिये लैंगिक समानता, विज्ञान और तकनीक”।
  • वर्ष 2011 का विषय था “दैनिक जीवन में रसायन”।
  • वर्ष 2012 का विषय था “स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा”।
  • वर्ष 2013 का विषय था “अनुवांशिक संशोधित फसल और खाद्य सुरक्षा”।
  • वर्ष 2014 का विषय था “वैज्ञानिक मनोवृत्ति को प्रोत्साहित करना”।
  • वर्ष 2015 का विषय था “राष्ट्र निर्माण के लिये विज्ञान”।
  • वर्ष 2016 का विषय देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के लक्ष्य के लिए होगा।
  • वर्ष 2017 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए थीम "विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकलांग व्यक्तियों के लिए है" था।
  • वर्ष 2018 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए थीम "एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" था।
  • वर्ष 2019 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए थीम "लोगों के लिए विज्ञान और विज्ञान के लिये लोग (सांइस फार द पीपल एंड पीपल फार साइंस" था।
  • वर्ष 2020 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए थीम “वुमन इन साइन्स” था।
  • वर्ष 2021 में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के लिए थीम “एसटीआई का भविष्य: शिक्षा, कौशल और कार्य पर प्रभाव (Future of STI: Impacts on Education, Skills and Work)” है।

 


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