हर साल 6 अगस्त को हम परमाणु बम (Atomic Bomb) के विनाश के भयावहता को याद करने के लिए हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day 2022) मनाते है. 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान (Japan) के हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया था. इस बम के गिरने के बाद द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त हो गया था।
क्या है इस दिन का मकसद
हिरोशिमा दिवस मनाने का मकसद दुनिया में शांति की राजनीति को प्रोत्साहित करना और परमाणु बम के हमले से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुकता पैदा करना है. 1945 में हुआ यह परमाणु हमला दुनिया के किसी भी शहर पर हुआ पहला परमाणु हमला था. इसमें एक ही झटके में हजारों लोगों की जान चली गई थी.
किस तरह का विनाश
6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा में अमेरिका के बी29 बॉम्बर एनोला गे से लिटिल बॉय नाम का परमाणु बम गिराया था जिसमें 20 हजार टन के टीएनटी से भी अधिक बल था. इस बम से ढाई किलोमीटर के दायरे में सारी की सारी इमारतें तबाह हो गई थीं. इसमें हजारों लोग तो फौरन मरे ही, विकिरण का असर कई सालों दिखा और हजारों लोग बाद में होने वाले प्रभावों से भी मरे और घायल हुए थे.
व्यापक स्तर पर सभी की मौतें
हमले के कारण एक लाख चालीस हजार लोग मारे गए थे जो बाकी दूसरे विश्वयुद्ध में मारे गए लोगों की कुल संख्या से ज्यादा है. इस बम ने शहर के बड़े हिस्से को पूरी तरह से खत्म कर दिया था. इसमें 6 से 11 साल के 80 प्रतिशत बच्चे शामिल थे. इस हमले में शहर की 69 प्रतिशत इमारतें नष्ट हो गई थीं. साथ ही शहर के अस्पतालों के साथ 90 प्रतिशत डॉक्टर और 93 प्रतिशत नर्सें भी मारी गई थीं.
कई तरह के आयोजन
हर साल इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें संगीत, नृत्य और गीत गाए जाते हैं. हर साल 6 अगस्त को इस हादसे के शिकार होकर मारे गए लोगों को याद करने के लिए हिरोशिमा डे मेमोरियल सर्विस का आयोजन होता है. इसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन हिरोशिमा के इतिहास में इसे एक प्रमुख दिन के तौर पर याद किया जाता है.
विश्व शांति और न्याय के लिए
इस सेवा का सबसे प्रमुख तत्व मारे गए लोगों को याद करना और उनका शोक मनाना है. इसके साथ सभी लोग विश्व शांति और न्याय के लिए काम करने का प्रण लेते हैं. इस बमबारी को मानव इतिहास की सबसे बड़ा मानवीय विनाशकारी कृत्य माना जाता है. आज भी इस बात पर बहस की जाती है कि इस बम का उपयोग उस युद्ध में किया जाना जरूरी नहीं था.
किन हालातों में गिराया गया था बम
उस समय द्वितीय विश्व युद्ध खात्मे की ओर बढ़ रहा था. यूरोप में यह जंग खत्म हो चुकी थी एशियामें केवल जापान ही अमेरिका, ब्रिटेन और रूस वाली मित्र राष्ट्रों के खिलाफ एकमात्र विरोधी बचा था और उसे भी कई मोर्चों में पीछे हटना पड़ रहा था. इस बम के बाद एशिया में द्वितीय युद्ध औपचारिक तौर पर खत्म होना तय गया था.
यह दिवस हमें परमाणु युद्ध के विनाशकारी चेहरे की याद दिलाता है. बम गिरने के बाद के नाभकीय विकिरणों से कई तरह की बीमारियां फैलीं जो कैंसर, जन्मजात एवं बहुत से मानसिक विकारों का कारण बनीं. यह दिवस आज के हालात में भी दुनिया के देशों को रुक कर यह सोचने की जरूरत है कि क्या हमें दुनिया को युद्ध के हालात में धकेलने से रोकने के लिए और गंभीर प्रयास नहीं करने चाहिए.
Source:-https://www.google.com/amp/s/hindi.news18.com/amp/news/knowledge/hiroshima-day-2022-history-importance-relevance-and-significance-viks-4448025.html
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